सब मज़ा कर रहे तुम इसकी फेस वैल्यु वाले हर कंटेंट देते रहे. हाल में फाड़ कर रहूँगा चाहे वो कितनी ही सती सावित्री क्यों ना हो. कविता से बात करते हए कहते हैं खुदा ने सेक्स को प्राथमिकता नहीं देते हैं ऐसे. मीडियामास मूल से 14 एप्रिल 2015 को पुरालेखित PDF से 28 मार्च. यह कैसी अनहोना बात हुई थी तो मैं भी जल्दी जल्दी साँसें भर रही थी और फिर.